ओडिशा में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने व्यवहार से एक बार फिर साबित किया की वह राजनीति के भद्र पुरुष हैं. ओडिशा विधानसभा चुनाव के जब नतीजे आए तो बीजेपी की जीत से ज्यादा नवीन पटनायक की हार के चर्चे थे. पटनायक करीब 24 वर्षों के बाद पहली बार ओडिशा विधानसभा में विपक्षी बेंच पर बैठे. इस दौरान BJD सुप्रीमो ने उन्हें विधानसभा चुनाव में हराने वाले भाजपा के लक्ष्मण बाग से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि उन्हें एक तरह से शाबाशी भी दी.
यह क्षण तब सामने आया जब लक्ष्मण बाग विधानसभा में पहुंचने पर नवीन पटनायक का स्वागत करने के लिए उनकी बेंच पर पहुंचे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि बीजद प्रमुख जब लक्ष्मण बाग की सीट के पास से गुजरते हैं, तो बीजेपी विधायक खड़े होकर नवीन पटनायक का अभिवादन करते हैं और अपना परिचय देते हैं. पटनायक मुड़कर बाग का अभिवादन स्वीकार करते हैं और कहते हैं, ‘ओह, आप ही हैं, जिसने मुझे हरा दिया? आपको जीत की बहुत-बहुत बधाई’.
बता दें कि नवीन पटनायक ने दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ा था. कांटाबांजी सीट पर उन्हें बीजेपी के लक्ष्मण बाग के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जबकि हिंजिली सीट वह जीतने में सफल रहे. लक्ष्मण बाग को कांटाबांजी में 90,876 वोट मिले, जबकि नवीन पटनायक 74,532 वोट प्राप्त कर उनसे पीछे रह गए. इस तरह लक्ष्मण ने उन्हें 16,344 वोटों के अंतर से हरा दिया. ओडिशा विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने मंगलवार को शुरू हुए विशेष सत्र के दौरान शपथ ली.
ओडिशा चुनाव में BJP ने 147 में से 78 सीटें जीतीं
प्रोटेम स्पीकर रणेंद्र प्रताप स्वैन ने सबसे पहले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को शपथ दिलाई. बाद में, दो डिप्टी सीएम – के.वी. सिंह देव और पार्वती परीदा ने ली शपथ. प्रोटेम स्पीकर ने पूर्व सीएम और बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक को भी शपथ दिलाई, जो अपने राजनीतिक करियर में पहली बार विपक्ष की भूमिका निभाने जा रहे हैं. ऐसी अटकलें हैं कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुरामा पाढ़ी को पार्टी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बना सकती है. बीजेपी ने हाल में संपन्न चुनाव में 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 78 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल की. बीजद 51 सीटें जीत सकी.
पिछले दो चुनावों में लक्ष्मण बाग को मिली थी हार
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 23 सीटें जीत सकी थी. तब बीजद को ओडिशा की जनता ने 112 सीटें जिताकर प्रचंड बहुमत दिया था. लक्ष्मण बाग 2014 और 2019 में कांटाबांजी सीट से हार गए थे. पिछली बार उनकी हार महज 128 वोटों से ही हुई थी. इस बार यादव समाज ने भी उनका समर्थन किया. मुसीबत में उन्होंने प्रवासी मजदूरों की खूब मदद की थी, इसका फायदा उन्हें मिला. तुरेईकेला ब्लॉक के हिआल पंचायत में जन्मे लक्ष्मण बाग 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं, 2 का निधन भी हो चुका है. उनका परिवार पंचायत चुनाव में सक्रिय रहा है.
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